अयोध्या के दीपोत्सव में 1.5 लाख गो दीप जलाने का संकल्प, पशुधन मंत्री ने भेंट किए दीपक
उत्तर प्रदेश:– अयोध्या के दीपोत्सव में पशुधन विभाग की ओर से 1.5 लाख गो दीप जलाने का संकल्प लिया गया है। इसे लेकर पशुधन मंत्री ने कुछ दीपक और अन्य गो उत्पाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेंट किए हैं। इस अवसर पर सीएम ने प्रदेश के गो आश्रय स्थलों में गो पूजन आयोजित करने के निर्देश दिए। रामनगरी अयोध्या में बालक राम का नव्य मंदिर बनने के बाद इस बार पहला दीपोत्सव बेहद खास होगा। सूबे की योगी सरकार भी इसे खास बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। भव्य दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी विभाग अपनी-अपनी ओर से दीपोत्सव की भव्यता को बढ़ाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इसी कड़ी में पशुधन विभाग ने अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर डेढ़ लाख गो दीप जलाने का संकल्प लिया है। इसको लेकर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सीएम योगी को प्रतीकात्मक रूप से गो दीप और अन्य गो उत्पाद भेंट किए। यह आयोजन प्रदेश में गोवंश के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बताते चलें कि इस बार अयोध्या में 35 लाख से अधिक दीपक जलाने का संकल्प लिया गया है। इसमें अकेले 28 लाख दीये केवल सरयू नदी के 55 घाटों पर जलाए जाएंगे। इसे विश्व कीर्तिमान के रूप में स्थापित किया जाएगा। इन दीपों में पशुधन विभाग की ओर से डेढ़ लाख गो दीप जलाए जाएंगे। इस संकल्प को सीएम ने भी सराहा है।
इस मौके पर सीएम ने गो संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रदेश के सभी जिलों में गो आश्रय स्थलों पर गो पूजन के कार्यक्रम के आयोजित करने के निर्देश दिए। कहा कि गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर प्रदेश के गो आश्रय स्थलों में विधिवत गो पूजन आयोजित किया जाएगा। इसमें मंत्रीगण, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और गो प्रेमी शामिल होंगे। सभी लोग गो पूजन संपादित करेंगे। आयोजन का मुख्य उद्देश्य गोवंश के प्रति समाज में जागरुकता फैलाना है। इससे गोवशों की देखभाल को बढ़ावा मिलेगा। सीएम ने यह निर्देश भी दिए कि प्रदेश के सभी गो आश्रय स्थलों में गोवंश के भरण-पोषण, हरे चारे की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गोवंश का संरक्षण और संवर्धन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।