मुख्यमंत्री धामी ने कहा हमें राज्य के शहरों के सर्वेक्षण पर ध्यान देना होगा और उनकी धारण क्षमता का भी आंकलन करना होगा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड @25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला के तहत विभिन्न केंद्रीय संस्थानों व तकनीकी उपक्रमों के प्रमुखों के साथ परिचर्चा की। उन्होंने कहा जोशीमठ की समस्या के समाधान हेतु हमें एक छत के नीचे बैठकर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें राज्य के शहरों के सर्वेक्षण पर ध्यान देना होगा और उनकी धारण क्षमता का भी आंकलन करना होगा। हमें राज्य के विकास के मॉडल को इकोलॉजी तथा इकोनॉमी के समन्वय के साथ आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में अग्रणी राज्य बनाना हमारा उद्देश्य है। इसी के तहत बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से वैज्ञानिकों, समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों के सुझाव राज्य हित में आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। उन्होंने कहा कि यह मंथन सत्र हिमालय की पारिस्थितिकीय विभिन्नता के दृष्टिगत अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न प्रयोग करने का एक बेहतरीन मंच है। हिमालय पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जिस वजह से कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या से हम सब परेशान हैं। इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक सुझाव भी आमंत्रित हैं।
राज्य के सतत विकास के लिए समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर ही आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 108वीं राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में प्राइड ऑफ इंडिया एक्सपो में उत्तराखण्ड के पवेलियन को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस कांग्रेस में देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं शोध संस्थानों ने प्रतिभाग किया था।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, सचिव श्री शैलेश बगोली, यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ. आर.पी. सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।