मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के संगम नोज घाट पर की आरती, महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में संगम नोज घाट पर आरती की। शहर में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले, मंगलवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण कर का अनावरण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज दिसंबर माह में प्रयागराज में यह पांचवां दौरा है। इस दौरान सीएम योगी ने नैनी में निर्मित बायो सीएनजी प्लांट का अनावरण किया। इसके साथ ही सीएम योगी ने संगम ऐरावत घाट, संगम नोज घाट के साथ ही गंगा सेतु के समानांतर बने स्टील ब्रिज का निरीक्षण किया। सीएम योगी लगभग चार घंटे प्रयागराज में रहेंगे और इस दौरान वह स्थलीय निरीक्षण के साथ ही आईसीसीसी सभागार में समीक्षा बैठक भी करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सात दिसंबर, 12 दिसंबर, 13 दिसंबर व 23 दिसंबर को भी प्रयागराज का दौरा कर चुके हैं।
हर दिन 21.5 टन गैस के साथ 209 टन जैविक खाद बनाएगा प्लांट
जिस बायो सीएनजी प्लांट का सीएम योगी ने अनावरण किया वहां से प्रतिदिन 21.5 टन गैस के साथ 209 टन जैविक खाद बनाया जाएगा। शहर में घरों, होटल-रेस्टोरेंट्स व मंदिरों से 200 टन गीला कचरा हर दिन निकलता है। अब इसी कचरे से नगर निगम 53 लाख रुपये सालाना कमाई करने जा रहा है।
यानी जिस सब्जी, फल-फूल या जूठन को फेंक दिया जाता था, अब उसी से रोजाना अब 21500 किलो बायो सीएनजी और 209 टन जैविक खाद बनेगी। इस प्लांट की कुल क्षमता 343 टन प्रति दिन उत्पादन की है। हर दिन प्लांट से 21.5 टन बायो सीएनजी के साथ 109 टन ठोस जैविक खाद व 100 टन तरल जैविक खाद बनेगी। प्रथम चरण में 200 टन क्षमता के नगरीय कचरे से बायो सीएनजी बनाने का कार्य पूरा हो चुका है। शेष 143 टन धान के पुआल और गोबर से गैस बनाने का काम प्रगति पर है।
पीपीपी मॉडल से होगा प्लांट का संचालन
– पीपीपी मॉडल से बायो सीएनजी प्लांट का संचालन किया जाएगा। इसके लिए प्रयागराज नगर निगम ने 12.49 एकड़ जमीन नैनी के जहांगीराबाद में अरैल घाट के पास दी है। प्लांट का संचालन एवर एनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड करेगी। इसके लिए नगर निगम और कंपनी के बीच 25 साल के लिए अनुबंध हुआ है। इसके बाद कंपनी प्लांट का संचालन नगर निगम को सौंप देगी। फिलहाल इस प्लांट के संचालन के लिए करीब 1250 यूनिट बिजली की हर दिन खपत हो सकती है।
पर्यावरण को भी प्लांट से फायदा
प्लांट के माध्यम से जैविक कचरे को ऊर्जा में बदलकर हर साल करीब 56700 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। लैंडफिल से कचरे का यह डायवर्जन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में सहायता करता है। हवा की गुणवत्ता सुधार की दिशा में प्लांट मील का पत्थर साबित होगा। इस प्लांट को करीब 125 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इस प्लांट से बायो-सीएनजी की आपूर्ति प्रयागराज सहित उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और खुदरा ग्राहकों को भी की जाएगी।
दो सौ लोगों को मिलेगा रोजगार
परियोजना में लगभग 200 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर प्लांट से लगभग 25 कर्मियों को सीधे रोजगार मिलेगा जबकि 100 से अधिक लोगों को परोक्ष रूप से काम मिल सकेगा। इसके अलावा स्थानीय आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।