रुद्रप्रयाग जिले में मूसलधार बारिश के कारण कई परिवारों ने घर छोड़ा, प्रशासन ने राहत शिविर बनाने की की तैयारी
चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। रुद्रप्रयाग जिले की तुंगनाथ घाटी में लगभग छह घंटे तक मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी उफान पर आ गई। इसके चलते जहां कुंड-ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया। हाईवे पर गहरी दरारें आ गईं। वहीं कई लोग देर रात ही परिवार समेत घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। हालात का जायजा लेने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। साथ ही स्थानीय स्कूल, पंचायत भवनों को आवश्यकतानुसार राहत शिविर बनाने की भी तैयारी की जा रही हैं।
इधर चमोली के नंदानगर में अतिवृष्टि से कई गांवों में कृषि भूमि और आवासीय भवनों को भारी नुकसान पहुंचा है। मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से धुर्मा और ग्वाड़ गांव को जोड़ने वाले दो पैदल पुल बह गए, जिससे इन गांवों के 44 परिवारों का अन्य क्षेत्र से संपर्क टूट गया है। मोक्ष नदी का पानी और मलबा सेरा बाजार में लोगों के घरों में घुस गया, जिससे लोग रातभर अफरा-तफरी में रहे। नदी के तेज बहाव से सैकड़ों नाली भूमि भी तबाह हो गई है साथ ही फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र में सड़कें भी जगह-जगज क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
यहां भेंटी गांव में शनिवार रात को बिजली गिरने से पूरण सिंह की भैंस की मौत हो गई है। वहीं घर में सो रहे पूरण सिंह के पिता नारायण सिंह समेत तीन लोग बेहोश हो गए। तहसील प्रशासन की टीम प्रभावित क्षेत्र पहुंच चुकी है।
बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भी बंद
छिनका में मलबा आने से रविवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। हाईवे बंद होने से दोनों तरफ करीब 400 श्रद्धालु और स्थानीय लोग फंस गए। देर शाम तक भी हाईवे नहीं खुला। वहीं हाईवे पर फंसे श्रद्धालु पानी के लिए भी परेशान रहे। खबर लिखे जाने तक प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। बदरीनाथ हाईवे बार-बार बंद होने से धाम की यात्रा पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। धाम में हर दिन एक हजार से भी कम यात्री पहुंच रहे हैं। रविवार को धाम में मात्र 642 यात्री ही पहुंचे।
बारिश से गंगोत्री हाईवे पर ओपन टनल के पास और नेताला में मलबा आने से यातायात करीब 7 घंटे तक ठप रहा। इस दौरान कई सवारी वाहनों को लंबा चक्कर काटकर बड़ेथी मनेरा बाईपास से आवागमन करना पड़ा। उधर, यमुनोत्री हाईवे पर भी ओजरी डाबरकोट में करीब 4 घंटे आवाजाही ठप रही।
चमोली जिले के देवाल विकासखंड को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क थराली-देवाल दो दिन से बंद है। यहां नंदकेशरी के पास पहाड़ी से भारी मलबा आने से यातायात अवरुद्ध हो रखा है। जिससे ब्लाक मुख्यालय सहित तमाम बाजारों में सब्जी, राशन आदि की आपूर्ति करने वाले डेढ़ सो से अधिक वाहन फंसे हैंं। जबकि देवाल-खेता और घेस-हिमनी सड़क भी दो दिनों से बंद है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर केदारनाथ व केदारघाटी को तहसील मुख्यालय ऊखीमठ व जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से जोड़ने वाले कुंड मोटर पुल पर भी संकट गहरा गया है। मंदाकिनी नदी पर 48 मीटर स्पान के इस पुल के एक पिलर की बुनियाद खोखली हो रही है, जिस कारण इस पर बीते 29 जुलाई से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप है। इधर, रविवार सुबह से पुल के प्रभावित पिलर के ऊपरी तरफ सड़क पर लंबी दरार पड़ गई है, जिससे पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।