देहरादून में पहली बार ड्रग माफिया के विरूद्ध फाइनेशियल इन्वेस्टिगेशन करते हुए उसकी अवैध सम्पत्ति को कराया फ्रीज
एसएसपी दून ने निभाया अपना वादा, ड्रग्स माफिया पर कडा प्रहार कर तोड़ी कमर
देहरादून में पहली बार ड्रग माफिया के विरूद्ध फाइनेशियल इन्वेस्टिगेशन करते हुए उसकी अवैध सम्पत्ति को कराया फ्रीज।
एनडीपीएस एक्ट के तहत फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन कर ड्रग माफिया शिवम गुप्ता की 01 करोड से अधिक मूल्य की अवैध सम्पत्ति ( जमीनें, वाहन व बैंक एकाउंट) को पुलिस ने कराया फ्रीज।
फ्रीज़ अवैध सम्पति की Market Value अनुमानित मूल्य से है कई गुना ज्यादा
अभियुक्त को अवैध मादक पदार्थ के साथ पूर्व में पटेलनगर क्षेत्र से पुलिस ने किया था गिरफ्तार।
अभियुक्त के लगातार मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहने पर एसएसपी देहरादून द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन के दिये थे निर्देश।
अभियुक्त की अवैध सम्पत्ति को चिन्हित कर दून पुलिस द्वारा Competent Authority And Administrator SAFEM (FOP) Act And NDPS Act Delhi को भेजी थी रिपोर्ट ।
अभियुक्त की उक्त अवैध सम्पत्ति के चिन्हिकरण की रिपोर्ट पुलिस द्वाराCompetent Authority And Administrator SAFEM (FOP) Act And NDPS Act Delhi को प्रेषित की गई। जिस पर समबन्धित अथॉरिटी ने अभियुक्त द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति को फ्रीज करने के आदेश दिये गये। जिसकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय, आर0टी0ओ0 आफिस , बैंकों व अन्य सम्बन्धित विभागों को प्रेषित की गयी है, जिससे अभियुक्त उक्त अवैध सम्पत्ति का उपयोग अथवा क्रय विक्रय न कर सके।
एनडीपीएस एक्ट के तहत जनपद देहरादून में किसी भी नशा तस्कर की अवैध सम्पत्ति के जब्तीकरण की यह पहली कार्यवाही है। इससे पूर्व एसएसपी एसटीएफ रहते हुए एसएसपी देहरादून द्वारा ही उत्तराखण्ड में पहली बार एनडीपीएस एक्ट धारा 68 (f) के तहत बरेली गैंग के विरुद्ध शुरू कराई थी फाइनेंशियल इनवेस्टिगेशन ,अभियुक्त शिवम गुप्ता को ही जिला कारागार सुद्धोवाला में फिट एनडीपीएस के अंतर्गत 09 माह के लिये कराया गया था निरूद्ध।
इसके अतिरिक्त एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर देहरादून पुलिस द्वारा पटेलनगर तथा रायपुर क्षेत्र से नशे के अवैध व्यापार में लिप्त 02 अन्य अभियुक्तों 01: अमरकांत अतिवाल उर्फ डोला तथा 02: मोहसिन राव को पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत जिला कारागार सुद्धोवाला में निरूद्ध कराया गया, जिनकी अवैध सम्पत्ति के चिन्हिकरण के लिये उनके विरूद्ध भी फाइनेंसियल इन्वेस्टिगेशन की जा रही है।